गुरुवार, 15 मार्च 2018

OMG! हसदेव नदी की गंदगी के सवाल पर अफसर निरूत्तर, मुख्यमंत्री की पत्रवार्ता में जोरशोर से उठाया गया मुद्दा

जांजगीर-चांपा. प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की पत्रवार्ता में पत्रकारों द्वारा उठाए गए जीवनदायिनी हसदेव नदी की गंदगी के सवाल पर जिले के प्रशासनिक अफसर निरूत्तर हो गए। हद तो तब हो गई, जब वे इस सवाल का समाधानकारक जवाब देने के बजाय बगले झांकने लगे। हालांकि मुख्यमंत्री डॉ. रमन ने इस सवाल को बड़ी गंभीरता से लिया और प्रशासनिक अफसरों को हसदेव नदी की सफाई के लिए जल्द समुचित कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।

दरअसल, लोकसुराज अभियान के तहत प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह गुरूवार को जिला मुख्यालय जांजगीर पहुंचे थे। कलेक्टोरेट में उन्होंने जांजगीर-चांपा और कोरबा जिले के अफसरों की संयुक्त समीक्षा बैठक ली, जिसके बाद पत्रकारों से चर्चा की। इस दौरान जिले के चांपा से होकर गुजरी जीवनदायिनी हसदेव नदी के प्रदूषित होने का मुद्दा जोरशोर से उठाया गया। पत्रकारों ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन को बताया कि हसदेव नदी के पानी से जिले के चांपा शहर सहित आसपास के सैकड़ों गांवों की निस्तारी होती है। कुछ साल पहले तक हसदेव नदी का पानी स्वच्छ था, लेकिन वर्तमान में औद्योगिक इकाइयों द्वारा अपशिष्ट पदार्थ छोड़े जाने से हसदेव नदी का पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो चुका है। पत्रकारों ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन से पूछा कि जब गंगा, यमुना और नर्मदा सहित कई नदियों को प्रदूषण से मुक्त करने व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा सकता है तो जीवनदायिनी हसदेव नदी को इस अभियान से आखिर क्यों नहीं जोड़ा जा रहा है। पत्रकारों ने यह सवाल भी दागा कि कुछ माह पहले जिला प्रशासन द्वारा जब हसदेव नदी की साफ-सफाई के लिए दो करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है तो फिर धरातल पर काम होता क्यों नहीं दिख रहा है। 

पत्रकारों के इस सवाल को मुख्यमंत्री डॉ. रमन ने गंभीरता से लेते हुए पत्रवार्ता में मौजूद कलेक्टर एवं अन्य प्रशासनिक अफसरों से जब जवाब-तलब किया तो पहले तो वे बगले झांकने लगे। फिर गोलमोल जवाब देकर अपना पल्ला झाडऩे की कोशिश की, लेकिन पत्रकार भी पूरे मूड में थे। नतीजतन, इस विषय पर सवाल ऊपर सवाल उठाने लगे, तब कलेक्टर ने कहा कि हसदेव नदी की साफ-सफाई को लेकर कार्ययोजना बनाई गई है, जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। इतना सुनते ही मुख्यमंत्री डॉ. रमन ने झल्लाते हुए पूछा कि जब कार्ययोजना बन चुकी है तो काम शुरू क्यों नहीं हो रहा है। इस पर कलेक्टर ने कहा कि जो कार्ययोजना बनाई गई है, उसके मुताबिक, दो करोड़ रुपए की लागत से नदी के आसपास की साफ-सफाई होनी है। इस पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन ने कहा कि केवल साफ-सफाई के लिए दो करोड़ रुपए खर्च होंगे? यदि आपकी कार्ययोजना ऐसी है तो तमाम माध्यमों से नदी में जो गंदा पानी मिल रहा है, उसके रोकथाम की आखिर क्या योजना है। इस सवाल पर कलेक्टर फिर निरूत्तर दिखे, तब मुख्यमंत्री डॉ. रमन ने उन्हें बेहतर कार्ययोजना बनाकर हसदेव नदी को प्रदूषणमुक्त बनाने की दिशा में काम करने के सख्त निर्देश दिए।  इस दौरान सांसद कमला पाटले, संसदीय सचिव अंबेश जांगड़े, मुख्य सचिव सहित अन्य प्रशासनिक अफसर मौजूद रहे।

1 टिप्पणी:

  1. केवल दिखावा और कुछ नही।
    जिले में कमीशन खोरी व्याप्त है।

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