सोमवार, 24 सितंबर 2018

कह रहे थे परिंदा भी नहीं मार सकेगा पर तो फर्जी पास से कैसे घुए गए हजारों लोग, भाजपा महामंत्री ने चांपा एसडीओपी के सील और हस्ताक्षर से जारी किए फर्जी गेट पास

जांजगीर-चांपा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा को लेकर शासन-प्रशासन के अधिकारियों ने तरह-तरह के दावे किए थे। उनका दावा था कि सम्मेलन स्थल पर इतनी तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था रखी गई है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा, लेकिन उन अधिकारियों के दावे उस वक्त फेल हो गए, जब भाजपा के जिला महामंत्री द्वारा चांपा एसडीओपी के सील और हस्ताक्षर से जारी किए गए वीआईपी गेट पास के जरिए हजारों लोग आयोजन स्थल पर पहुंच गए। जिस गेट पास के जरिए लोगों को प्रवेश दिया गया, उसे न केवल चांपा एसडीओपी बल्कि, जिला प्रशासन के जिम्मेदार अफसर भी फर्जी करार दे चुके हैं, लेकिन इस पूरे मामले में शासन-प्रशासन ने किसी तरह की कार्यवाही करना तो दूर, अब तक सत्यता की जांच करवाना तक भी जरूरी नहीं समझा है।

उल्लेखनीय है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार 22 सितम्बर को एकदिवसीय प्रवास पर जिला मुख्यालय जांजगीर पहुंचे थे। यहां उन्होंने अटल विकास यात्रा के तहत आयोजित एक विशाल किसान सम्मेलन को संबोधित किया। इस सम्मेलन में जिले समेत पूरे प्रदेश के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। किसान सम्मेलन को सफल बनाने शासन-प्रशासन के अफसर पखवाड़ेभर से जुटे हुए थे। राज्य शासन के प्रमुख सचिव से लेकर कई मंत्रियों ने कार्यक्रम स्थल का मुआयना कर सुरक्षा व्यवस्था एवं तैयारियों का जायजा लिया था। सिर्फ इतना ही नहीं, एसपीजी और एसटीएफ के अधिकारियों ने भी यहां कई दिनों तक रहकर प्रधानमंत्री मोदी के आमसभा को लेकर की जा रही सुरक्षा व्यवस्था को बारीकी से परखा था। शासन-प्रशासन के अफसरों का दावा था कि आयोजन स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था एकदम तगड़ी रखी गई है, जिसके चलते अनुमति बगैर यहां एक परिंदा भी पर नहीं मार सकता। अफसरों का यह भी कहना था कि वैद्य प्रवेश पत्र बगैर किसी को भी आयोजन स्थल पर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, लेकिन अफसरों के दावे उस वक्त फिसड्डी साबित हुए, जब फर्जी प्रवेश पत्र के माध्यम से हजारों लोग वीआईपी श्रेणी की दीर्घा तक पहुंच गए। खास बात यह रही कि भाजपा के जिला महामंत्री अमर सुल्तानिया द्वारा चांपा एसडीओपी के सील और हस्ताक्षर से जारी किए गए प्रवेश पत्र के फर्जी होने की खबर शासन-प्रशासन के अफसरों को शुरू से ही थी, लेकिन उस फर्जी प्रवेश पत्र को लेकर शासन-प्रशासन के किसी भी अफसर ने गंभीरता नहीं दिखाई। 

आपको बता दें कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आमसभा स्थल में बनाए गए वीआईपी दीर्घा तक जाने के लिए शनिवार को सुबह से ही एक अलग तरह का प्रवेश पत्र बंट रहा था। उस प्रवेश पत्र की खासियत यह थी कि उसमें चांपा एसडीओपी उद्यन बेहार के सील और हस्ताक्षर थे, लेकिन प्रवेश पत्रधारक के नाम की जगह खाली थी और उसमें किसी को फोटो भी नहीं लगा था। सिर्फ इतना ही नहीं, प्रवेश पत्र के पिछले हिस्से में भाजपा के जिला महामंत्री अमर सुल्तानिया का सील और हस्ताक्षर था। यह फर्जी प्रवेश पत्र शनिवार की सुबह से ही लोगों को बांटा जा रहा था, जिसे लेकर लोग कार्यक्रम स्थल पर बने वीआईपी दीर्घा तक पहुंच रहे थे, लेकिन उस प्रवेश पत्र की सत्यता को परखने किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने रूचि नहीं दिखाई। इस संबंध में चांपा एसडीओपी उद्यन बेहार से जब बात की गई तो उनका कहना था कि उन्होंने किसी को भी प्रवेश पत्र जारी नहीं किया है। प्रवेश पत्र में लगी सील एवं हस्ताक्षर उनका नहीं है। वहीं चांपा एसडीएम यूके उर्वशा सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों का कहना था कि प्रवेश पत्र जारी करने का अधिकार पुलिस अधिकारी को नहीं है। प्रवेश पत्र फर्जी तो है, लेकिन इस कृत्य को अंजाम देने वालों के खिलाफ कार्यवाही करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि पीएम की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने का अधिकार आखिर किसे है और वे कब संज्ञान लेकर इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करेंगे। 

फर्जी प्रवेश पत्र से अंदर घुसे कांग्रेसीेेे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आमसभा स्थल पर बनाए गए पण्डाल के भीतर उस वक्त हंगामा मच गया, जब कुछ कांग्रेसी उसी फर्जी प्रवेश पत्र के जरिए अपनी जेब में काले कपड़े लेकर अंदर प्रवेश कर गए और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का बहिष्कार करते हुए काला झण्डा दिखाने की कोशिश करने लगे। हालांकि मौके पर तैनात पुलिस अधिकारियों ने उन कांग्रेसियों को तुरंत पकड़ लिया। बताया जा रहा है कि कई कांग्रेसी पण्डाल के अंदर पहुंच चुके थे, जिन्होंने कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी का विरोध करने की कोशिश भी की।

प्रशासनिक अफसरों ने झाड़ा पल्ला

इस पूरे मामले को लेकर हमने जिले के पुलिस और प्रशासन के कई वरिष्ठ अफसरों से बात की, लेकिन उनसे संतोषजनक जवाब नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि उन्हें प्रवेश पत्र जारी करने का अधिकार नहीं है। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने ऐसे बड़े कार्यक्रम में आमलोगों के किसी भी तरह से पण्डाल में पहुंचने को उचित बताते हुए इसे साधारण बात कहकर अपनी जुबान पर ताला लगा लिया। इससे जाहिर होता है कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारी अपने कर्तव्य को लेकर आखिरकार कितने गंभीर हैं।

2 टिप्‍पणियां:

  1. इस पर तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए आखिर एसडीपीओ की फर्जी शील हस्ताक्षर कोई कैसे कर सकता है
    क्या पूंजीपति व्यापारी वर्ग के नेता हैं इस लिए प्रसाशन कार्यवाही करने को डर रहा है
    अगर कुछ अनहोनी घटना घट जाती तो हम कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया जाता

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  2. इस पर तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए आखिर एसडीपीओ की फर्जी शील हस्ताक्षर कोई कैसे कर सकता है
    क्या पूंजीपति व्यापारी वर्ग के नेता हैं इस लिए प्रसाशन कार्यवाही करने को डर रहा है
    अगर कुछ अनहोनी घटना घट जाती तो हम कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया जाता

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